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शिवाजी महाराज के किले | List of Shivaji Maharaj forts


 
संपूर्ण राज्याचे सार ते दुर्ग ........
गडकोट म्हणजे राज्याचे मूळ 
गडकोट म्हणजे खजिना 
गडकोट म्हणजे सैन्याचे मूळ 
गडकोट म्हणजे राज्यलक्ष्मी 
गडकोट म्हणजे आपली वस्तीस्थळे 
गडकोट म्हणजे सुखनिद्रागार.....

किंबहुना गडकोट म्हणजे आपले प्राणसंरक्षण .

शिवाजी महाराज कहते है  की किला  पूरे राज्य मे सबसे ज्यादा प्रमुख स्थान होता  है , किला मतलब राज्य का खजाना , राज्य का  सेना बल , किला मतलब राज्य की राजलक्ष्मी अगर किला मजबूत और सुरक्षित हो तो सभी चैन  से सो सकते  है और सबके  प्राण बचाये जा सकते  है |



औरंगजेब जैसे उस वक्त के दुनिया के सबसे ताकदवर आक्रमणकारी शत्रू को शिवाजी महाराज के वंशजों ने किलों की मदत से 27 साल तक युद्ध कीया और उसे हराया भी |   

मजबूत किला बनाने से भी ज्यादा मुश्किल का काम होता है किले का किलेदार चुनना, क्यों की  अगर किलेदार  गाफिल , आलसी  और  बेइमान निकला तो किला और किले के निकट का प्रदेश शत्रू को आसनी से मिल सकता है | ( रामसेज जैसा छोटा  किला पराक्रमी और निडर किलेदार की वजह से 6 साल से भी अधिक और बहोत ही कम सेना के साथ लढाया गया | )

किलेदार भ्रष्ट न हो इसलीये हर 3 या 5 साल मे उसकी बदली दुसरे किले पे होती थी  |

शिवाजी महाराज का ऐसा आदेश था  की किसी भी किले के निकट कोई भी पर्वत नही होणा चाहीये अगर हो तो उस पर्वत को विस्फोटक लगा के गिरा दिया  जाए और अगर ये मुंकिन नही हो तो उसि पर्वत पे और एक नया किला बनाए | 

किलों का इतिहास 

सभी राजे अपने  राज्य की रक्षा के लीये किलों का निर्माण करते है | 
किलों का सबसे पूरना जिक्र ऋग्वेद मे आता है जो की दुनिया का सबसे पुराणा ग्रंथ है |
महाभारत,मनुस्मृति , अग्निपुराण ,कल्किपुराण  मे किलों के 6 प्रकार बताए है |
चाणक्य ने अपणे अर्थशास्त्र मे भी किलों का वर्णन कीया है |  

मोहनजोदड़ो और हड़प्पा के  उत्खनन मे भी पुराणे किलों के अवशेष मिले  है |

शिवाजी महाराज ने तय किये हुए किला बनाने  के नियम 

  1. किलों  का रास्ता मुश्किल भरा होणा चाहीये |
  2. हर किले मे छुपे सुरंग होणे चाहीये |
  3. किलों  मे पानी के लीये चट्टान खोद के तालाब बनाना |
  4. किला हमेशा स्वछ रखणा चाहीये |
  5. किलो पे आम , कटहल ,इमली , बरगद(वड) , पिपल , नीबू , संतरा  और छोटे बडे फुलो के पेड लागणे चाहीये |
  6. सभी किलों के राजमहाल , छोटे बडे घरों मे और सैनिको के लीये तटबंदी (किले की दीवार ) मे शौचकुप(शौचालय ) होणे चाहीये | 
  7. किलों  मे  ब्राह्मण , ज्योतिषी , वैदिक , रसायन वैद्य  , पेड पौधों  के वैद्य , शस्त्र वैद्य , पंचाक्षरी (मांत्रिक ), लोहार,सुतार  और  चमार  काम जाणणे वाले   कमसे  कम एक,दो व्यक्ति होणे चाहीये | 


किलेदार किसे बनाया जाता था 


शिवाजी महाराज के किलों  का प्रमुख को किलेदार  कहा जाता था | किलेदार को हवालदार और मुद्राधारी  नाम से भी जाणा जाता था | सभी किले के किलेदार पद की नियुक्ती खुद शिवाजी महाराज करते थे | अगर किले का किलेदार युद्ध मे या किसी कारण मारा जाता है तो उसकी  जगह उसके बेटे या भाई को दुसरे किले पे किलेदार या फिर कोई अन्य पद पे नियुक्त  किया जाता था | 

 रायगड जैसे बडे किलों पे एक से अधिक  किलेदार भी होते थे |


किलों के प्रकार 

वनदुर्ग :-

जिस किलों के चारों  तरफ घना जंगल हो उस किले को वनदुर्ग कहते है |
उदाहरण :- वासोटा किला 

भुदुर्ग :- 

जो किला समतल जमीन , खुले मैदान मे होता है उसे " भुईकोट किला " या " भुदुर्ग " किला कहते है |
उदाहरण :- चाकण , परांडा , नळदुर्ग ,सोलापूर का भुईकोट किला .

गिरीदुर्ग  :-

पर्वत पे  बनाए गये किले को गिरीदुर्ग कहते है |
उदाहरण :- सिंहगड , राजगड , तोरणा , रायगड 

जलदुर्ग  :- 

जो किला समुद्र के छोटे से द्वीप (टापू ) पे बनाये जाता है उसे जलदुर्ग कहते है | 
उदाहरण :- सिंधुदुर्ग , पद्मदुर्ग , विजयदुर्ग , सुवर्णदुर्ग 
  

शिवाजी महाराज के किले 

शिवाजी महाराज के पास कुल कितने   किले थे  इसमे बहोत से मतभेद है |
सभासद बखर के अनुसार शिवाजी महाराज के पास 240 किले थे | एक बखर के अनुसार 151 किले थे |
शिवदिग्विजय बखर के अनुसार शिवाजी महाराज  के पास 370 किले थे | 370 किलों मे से 111 किलों का निर्माण  शिवाजी महाराज ने किया था |

आग्रा से पलायन के बाद शिवाजी महाराज ने 1670 से 1678 सिर्फ 8 सालों मे 260 किले जीत लीये थे |


एक बार अष्टप्रधानमंडल ले आमत्य पंत ने शिवाजी महाराज से पूछा "राजे, बहोत से किले  हमने जीते तो कै किले हमने निर्माण किये है  इन किलों पे बिना किसी कारण से इतना पैसा बरबाद करणे से क्या मिलेगा ?"

तब शिवाजी महाराज कहते है :-

एक ना एक दिन दिल्ली का बादशाह औरंगजेब स्वराज्य जितने जरूर आयेगा | हमारे मावले  एक किला कमसे  कम  एक साल तक लढा सकते  है  | तब औरंजेग को स्वराज्य जितने के लीये 360 साल लगेंगे  | 
 (इसके कूछ दिनो बाद शिवाजी महाराज ने 10 किले और जीत लीये थे | )

मावल प्रांत के किले :- 



रोहिडा सिंहगड लोहगड तिकोना विसापूर
नारायणगड कुंवारी रुद्रमाळ राजमाची बसोटा
केळणा पुरंधर राजगड तोरणा शिवनेरी
दौलतमंगळ मोरगिरी तुंग दातेगड


वाई प्रांत के किले :- 


सातारा वर्धनगड चंदनगड
परळी(सज्जनगड ) पांडवगड नांदगिरी
महिमानगड कमलगड वैराटगड
वंदनगड ताथवडा

कराड प्रांत के किले :-


वसंतगड मचिंद्रगड
भूषणगड कसबा कराड

पन्हाळा प्रांत के किले :-


पन्हाळा रांगणा भुदरगड
खेळणा बावडा गजेंद्रगड
विशाळगड मदनगड भीवगड
पावनगड भूपाळगड गगनगड

कोकण प्रांत के किले :-


मालवण सिंधुदुर्ग विजयदुर्ग महिमंतगड प्रबळगड सिकेरागड
जयदुर्ग रत्नागिरी सुवर्णदुर्ग लिंगाणा अवचितगड वीरगड
खांदेरी उंदेरी कुलाबा प्रचीतगड कुंभगड महीधरगड
राजकोट अंजनवेल रेवदंडा समानगड सागरगड रणगड
रायगड पाली कलानिधीगड कांगोरी मनोहरगड सेटगागड
आरनाळा सुरंगगड मानगड प्रतापगड सुभानगड मकरंदगड
महिपतगड महिमंडन सुमारगड तळागड मित्रगड भास्करगड
रसाळगड कर्नाळा भोरप घोसाळगड प्रलहादगड माहुली
बल्लाळगड सारंगगड माणिकगड बिरवाडी सहनगड कावन्ही
सिंदगड मंडणगड बाळगड

भैरवगड


त्रिंबक प्रांत के किले :-

त्रिंबक थळागड चावडंस मृगगड
बाहुला करोला राजपेहर रामसेज
मनोहरगड मासणागड हर्षण जवळागड
आवढा कणकई गडगडा सिद्धगड
मनरंजन जीवधन हडसर हरिन्द्रगड
मार्कंडेयगड टणकई सिद्धगड चांदवड
पटागड सबलगड

बागलाण प्रांत के किले :-



सालेरी नाहावा हरसळ
मुलेरी कणेरा अहिवंतगड
धोडप

वनगड प्रांत के किले :-

  

वनगड गहनगड चिमदुर्ग चित्रदुर्ग
नलदुर्ग मिरागड श्रीमंतदुर्ग प्रसन्नगड
श्रीगदनगड नरगुंद महंतगड हडपसरगड
कोपलगड बाहदुरबिंडा व्यंकटगड कांचनगड
गंधर्वगड सुपेगड कनकादिगड अचलगिरीगड
ढाकेगड पराक्रमगड ब्रम्हगड मंदनगड

फोंडे प्रांत के किले :-


कोडफोंडे कोट ब्रम्हनाळ कोट कडवळ कोट अकोले
कोट काहूर कोट कठर कोट कलबर्गे कोट शिवेश्वर
कोट बकर कोट मंगरुळ कोट कडणार कोट कृष्णगिरी

कोल्हापूर प्रांत के किले :- 



कोल्हार भास्करगड आंबेनिराईगड नंदीगड बिदनूरकोट भुमंडलगड
ब्रम्हगड महीपाळगड बुधला कोट गणेशगड मलकोल्हकोट बिरूटकोट
वडन्नगड मृगमदगड माणिकगड खळगड ठाकुरगड
हातमंगळगड प्रकाशगड प्रेईवारगड मेद्चिरिचेनगड सरसगड
मंचकगड भीमगड सोमसेखरगड श्रीवर्धनगड मल्हारगड

श्रीरंगपट्टण प्रांत के किले :-




कोट धर्मपुरी हरीहरगड कोट गरुड प्रमोदगड मनोहरगड
भवानी दुर्ग सुंदरगड कोट दुटानेटी रंजनगड कोट चंदमाल
कोट अमरापुर कोट तळगोंडा कोट लखनूर कोट आलूर
कोट कुसूर कोट आटनूर कळपगड कोट शामल
कोट तळेगिरी कोट त्रिपादपूरे महिनदीगड कोट विराडे

कर्नाटक प्रांत के किले :-


जगदेव गड सुदर्शन गड रमण गड नंदी गड प्रबळ गड
बहिरवगड सिद्धगड मंगळगड मल्लिकार्जुनगड रामगड
वारूणगड जवादीगड गगनगड कस्तुरीगड
महाराजगड मार्तंडगड कृष्णगिरी दीर्घपलीगड

वेलूर प्रांत के किले :-


कोट आरकाट कोट लखनूर कोट पळणापट्टण कोट त्रिमल कोट त्रिवादी
पाळे कोट कोट वृंदावण कर्मटगड मंडविडगड साजरागड
कोट त्रिकोनदुर्ग चेतपाव्हली यशवंतगड महिमंडगड गोजरागड
कैलासगड कोलबाळगड मुख्यगड प्राणगड दुभेगड
चंजिवरा कोट रसाळगड गर्जनगड सामरगड अनूरगड

चंदी प्रांत के किले :- 


राजगड कृष्णगिरी आखुलगड
चेनगड मदोन्मत्तगड काळाकोट


रोचक तथ्य :- 

भारत मे कुल 1000 के आसपास किले है  उन्मे से 370 किले शिवाजी महाराज ने सिर्फ 35 साल मे जिते थे और कूछ का निर्माण  किया था |


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