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What did foreigners think about Shivaji Maharaj | शिवाजी महाराज के बारे में विदेशियों की क्या सोच थी |


                                                              Image Source:-zedge.net

शिवाजी महाराज की महिमा सिर्फ महाराष्ट्र और भारत  तक सीमित नही थी बल्की पूरे दुनिया मे उनका नाम एक महान योद्धा के रूप मे लिया जाता है | छत्रपती शिवाजी महाराज भारतीय इतिहास के सबसे लोकप्रिय राजाओ मे से एक है  | उनके जमाने  के लगभग सभी इतिहासकारो ने लेखकों ने शिवाजी महाराज का वर्णन  अपने  किताबों  मे और खतो मे कीया है | उन्मे से कुछ वर्णन आपके सामने पेश करने जा रहा  हू :-

प्रिन्स ऑफ वेल्स (इंग्लंड ) :-


छत्रपती शिवाजी महाराज बहोत बडे योद्धा थे | उनके स्मारक की कर्णशीला बिठाणे मे मुझे बहोत आनंद हो रहा है |

अँटोनियो (पूर्तगाली व्हायसरॉय) :-


"छत्रपती शिवाजी महाराज की बडती नौसेना  और  समुद्री किल्लों से दुश्मन को डर लगणे लगा है |"

डॉ. डेलॉन (यूरोपियन प्रवासी ) :- 


"छत्रपती शिवाजी राजे बहोत ही बुद्धिमान और समजदार थे वे सभी  धर्मों का आदर करते थे |"

बॅरन कादा  (जापान ) :-


"छत्रपती शिवाजी महाराज सत्पुरुष थे | उन्होणे पुरी मानव जाती का कल्याण किया |"

मार्टिन मांडमोगरी (फ्रेंच गव्हर्नर) :-


"छत्रपती शिवाजी महाराज अपने गुप्तचरो को बहुत ज्यादा वेतन और उपहार देते थे |इसलीये उन्हे हमेशा जीत हासिल होती थी |"

मार्शल बुल्गानिन (सोवियत संघ  के पूर्व  प्रधानमंत्री ) :-


"साम्राज्यवाद के खिलाफ जाके स्वराज्य की पहली  नीव छत्रपती शिवाजी महाराज ने रखी |"

इब्राहीम लि फ्रेंदर (डच गव्हर्नर ) :-


"राज्याभिषेक के दिन जब शिवाजी महाराज अपने सिंहासन पे बैठे तब सभी भारतीयो ने बडे प्यार से 'छत्रपती शिवाजी महाराज की जय ' ऐसी  गर्जना की |"

वॉरेन हेस्टिंग (जनरल व्हाईसराय ) :-


"पूरे भारत मे सिर्फ छत्रपती शिवाजी महाराज के अनुयायी  सचेत और जिंदा है |यह छत्रपती शिवाजी महाराज के कर्तृत्व का परिणाम है |"


ग्रँड डफ (इंग्लंड ) :-


"राजे सिर्फ योद्धा नही थे वो समाजकारण और अर्थकारण की अतुलनीय जाणकारी रखणे वाले राजनीतिज्ञ थे | "

डेनिस किंकेड (यूरोपियन इतिहासकार ) :-


" अपनो की और अपने संस्कृती की रक्षा के लीये संपत्ति बहोत जरूरी होती है , इसलीये छत्रपती शिवाजी महाराज लूटेरे  नही बल्कि विद्रोही थे | "

आंतोनियू द मेलू द काश्चू(पूर्तगाली व्हाईसराय ) :-


"शिवाजी महाराज एक मेहनती और पराक्रमी राजा है |"

ग्रँड डफ (इंग्लंड ) :-


"यादी आप मराठा साम्राज्य की तुलना करना ही चाहते हो तो वो सिर्फ सिकंदर और नेपोलियन बोनपार्ट से होगी |"   

लॅंडन गॅजेट(1672) :-


"शिवाजी महाराज ने मुघलो को हैराण करके रखा है उससे पूरे ब्रिटिश साम्राज्य को बहोत बडा धोका निर्मल हुवा है | वो तो पूरे हिंदुस्तान का राजा है |"

कोंदे द सान विंसेंट (20 september 1667 पूर्तगाली व्हासराय  का पूर्तगाल राजा को खत मे लिखता है ) :-


"मुझे शिवाजी के समुद्री जहाज से डर लग रहा है | अब तो वो कोकण समुद्री तट पे बडे बडे समुद्री किल्ले बना रहा है | आज उसके पास कई जहाजे है और वो भी हमसे बडी |"

रॉबर्ट ओर्मे ( ब्रिटिश इतिहासकार ) :-


"शिवाजी के पास सेनापति बनने  के सभी गुण थे | वे दुश्मन की छोटी सी छोटी गतविधियों  पे बारीक नजर रखते थे | उन्होणे हर आपत स्थिति का दौरा किया | दुनिया के किसी भी सेनापति ने शिवाजी जितना   जमीनी  फासला पार नही किया  |"

जॉन सुलिवन (आयरिश-अमेरिकन सेनापति ) :-


"जिस दौर मे शिवाजी महाराज रहते थे उस दौर मे जितने के किये जो गुण चाहीये थे वो सब शिवाजी महाराज मे थे | शिवाजी महाराज हिंदू राजा थे और उन्होने स्वदेशी घोडों से शक्तिशाली मुघल घुड्सवारो  को हराया | शिवाजी के सैनिक गनिमी युद्धनीती के वजह से उस वक्त के दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पैदल सेना थी | "

जॉनाथन स्कॉट (इंग्लंड ) :-


"शिवाजी राजा एक योद्धा के रूप में असाधारण थे, शासकों के रूप में कुशल थे, और गुणी लोगों के मित्र थे।"

विन्सेन्ट आर्थर स्मिथ (ब्रिटिश इतिहासकार ) :-


"अगर अकबर के  दुर्भाग्य से उसका  सामना मराठो के हलके घुड्सवारो  से होता तो वो भी अपने परपोते औरंगजेब से कुछ खास  नही करता | "

डॉ. फ्रायर  :-


"शिवाजी ने अपनी  सेना मे वेश्या और नाचने  वालों को कभी भी अनुमति नही दी |शिवाजी के सैनिको को शराब पिना सक्त माना था | "

अब्बे कर्रे (फ्रेंच  यात्रि ) :-


" शिवाजी महाराज एशिया ने देखे हुए सबसे बडे योद्धा थे | शिवाजी के गुप्तहेर पूरे भारत मे फैले हुए थे | शिवाजी अपने सहकर्मीयो को भाई और दोस्त जैसे समजता था उनकी हर जरूरतो को पूरा करता था | शिवाजी उन दुर्लभ शासकों में से एक थे जिन्होंने सैनिकों के नियमित प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान दिया। "

फ्रांकोइस मार्टिन (पाँडिचेरी का फ्रेंच गव्हर्नर ) :-


" शिवाजी के छावणी मे सिर्फ दो  ही तंबू है एक खुद शिवाजी के लीये और दूसरा उनके  मंत्रियों के लीये | तंबू बहोत ही छोटे और साधारण  है | शिवाजी के घुड़सवारों को सामान्यतः वेतन के रूप में प्रति माह दो पैगोडा प्राप्त होते हैं |"

डगलस (ब्रिटिश ) :-


"भगवान की कृपा से शिवाजी राजे दर्यावर्दी नही थे नही तो उसने जमीन की तरह समुद्र पे भी अपना वर्चस्व बनाया होता और ऐसा करणे के वो बहोत करीब भी था | "


औरंगजेब के मौत के दिन  औरंगजेब के इतिहासकार खाफी खान ने लिखा हुया पत्र


" कीस खून के है ये मराठे, कोई शिवाजी राज नही है हमने संभाजी को मार दिया | राजाराम अब जिन्दा नही है | संभाजी की पत्नी और बेटा हमारे कब्जे मे है | राजाराम की पत्नी ताराराणी  कुछ  हजार सैनिको के साथ हमारी  लाखो की फौज से  लोहा ले रही है | इराण से ले कर उत्तर दक्षिण भारत हमारे बादशाह से डरता है | लेकीन ये मराठे, मराठे हमारे सैनिकों  को सपनो मे और घोडों कों  पाणी मे दिख रहे है | इंके किल्ले की 600,700 की फौज हमारे हजारो सैनिको से लडती है लेकीन यदी हम  उन्हे खलिता भेजते है की किल्ला खाली करो नही तो हम  किल्ला जितते ही तुमहारे बिवी, बच्चों  को मार देंगे  | इसके विपरीत ये मराठे बच्चे डरते नही  और औरते ये खलिता चुले  मे फेक देती  है | तब लगता है की ये मराठे क्या चीज है | मरने को भी हर वक्त तयार , और मारने  लगे तो पिला  भंढारा  लगाने  वाले लोक हमारे  खून से लाल लाल हो जाते है | छत्रपती शिवाजी महाराज का स्वाभिमान रहा नही  और संभाजी महाराज के प्राण चले गये तो भी आत्मसमर्पण न कर यह अपने  राजा की शिक्षण का पालन करने  वाले मराठे | आज हमारे  बादशाह का अंत हुवा उन्होणे कई  राजाओ  को समाप्त किया , लेकीन आज वे काफिर मराठो द्वारा पराजित हुए | या खुदा क्या  लोग है ये मराठे | तोफ की आवाज तक कोई अपने  प्राण नही छोरता  तो कोई अपने   लडके की शादी छोर  के किल्ले की मोहिमे फतेह कर जाता है | तो कोई मृत्यू  की पालखी पर हस्ते हस्ते चले जाता है | कोई अपने  राजा के शब्द के खातीर पागल हाथी  से टक्कर लेता है | कोई झुटा शिवाजी के रूप मे मृत्यू  के बिस्तर मे सो  जाता है | कोई 80 साल का बूढ़ा किल्ला जितते समय जवान शत्रू को धूल चटाता है | बच्चे जिनकी  मुछ भी नही निकली वो भी 20 मुघलो पे भारी पड जाता है, कही पे 7 बहादुर  मराठे 30,000 सैनिक पेर कहर डालते है  तो कोई  60 मावले  लेके गड जीत लेते है | छत्रपती शिवाजी महाराज द्वारा किये गये महान काम और संभाजी के बलिदान के प्राप्ती के लीये उंका के असाधारण बलिदान एक महान इनाम है | "

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